1 खुद पर विश्वास - भले ही अंतर्मुखी लोग कम बोलते हैं, लेकिन उनमें आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं होती। बल्कि उन्हें दूसरों की अपेक्षा खुद पर ज्यादा भरोसा होता है। वे अपने निर्णय के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं होते और यही कारण है कि वे अच्छे या बुरे परिणाम के लिए किसी और को दोषी भी नहीं ठहराते।.
2 खुद के साथ समय बिताना - वे अपनों से बहुत प्यार करते हैं, लेकिन अकेले समय बिताने में भी उन्हें कोई परेशानी नहीं होती। बल्कि ऐसे समय में भी वे समय का सदुपयोग करना अच्छी तरह से जानते हैं। कभी किताबों में मन बहलाकर तो कभी अपने पसंद की चीजें कर वे इस अकेलेपन का भी खुलकर आनंद लेते हैं।
3 सुनने की कला - अंतर्मुखी लोगों में किसी की बात को ध्यान से सुनने और समझने की कला होती है, जो हर किसी में नहीं होती। कम बोलना और ज्यादा सुनना इनके ज्ञान और समझने की क्षमता को बढ़ाता है। यही कारण है
4 कहने से पहले सोचना - अंतर्मुखी लोगों में यह भी एक खासियत होती है कि वे एक बार कुछ कहने के पहले दो बार जरूर सोचते हैं, फिर सही शब्दों में सही तरीके से अपनी बात रख पाते हैं। वे हर बात पर गौर करना जानते हैं, और हर रिश्ते को अहमियत देते हैं, इसलिए अपने शब्दों को हमेशा तौलकर ही बोलते हैं। अंर्तमुखी लोग बहिर्मुखी लोगों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते हैं।
5 खुद के लिए आदर्श - इस तरह के लोग आदर्शों के लिए किसी का मुंह नहीं तकते बल्कि खुद ही स्वयं के लिए आदर्श बनते हैं। वे सकारात्मक गुणों को अपनाकर खुद को तराशते हैं। उन्हें खुद को प्रोत्साहित करने के लिए हमेशा किसी की आवश्यकता नहीं होती। वे लगातार खुद को प्रोत्साहित कर आगे बढ़ने की हिम्मत रखते हैं। यह उनकी सबसे अच्छी बात होती है।