भारतीय रेल दुनिया की सबसे सस्ती रेल सेवाओं में से एक है।
सन 22 दिसम्बर 1851 को देश में पहली मालगाड़ी दौड़ी यह मालगाड़ी रूडकी से पिरन कलियार के बीच दौड़ी थी।
हमारे देश की पहली मालगाड़ी ही देश की पहली रेलगाड़ी थी इससे रूडकी में मिट्टी और कंस्ट्रक्शन का सामान लिजाया जाता था।
इसके इलावा देश की पहली यात्री रेलगाड़ी 16 अप्रैल 1853 को मुम्बई से ठाने के बीच दौड़ी थी। इस ट्रेन में 14 बोगी थी और लगभग 400 यात्रियों ने सफ़र किया था।
तीन डब्बों वाले इंजन का नाम सिंध , सुल्तान और साहिब रखा गया था। इस रेलगाड़ी को 40 किलोमीटर का सफ़र तय करने में 1 घंटा 15 मिनट लगे थे।
रेलवे के कर्मचारियों की संख्या तकरीवन 13 लाख 7 हज़ार से भी अधिक है यो भारतीय सेना के बराबर है। इसीलिए यह दुनिया का सातवां और भारत का दूसरा सबसे बड़ा एम्प्लायर है।
भारतीय रेलवे की पटरियों की लंबाई 1 लाख 8 हज़ार किलोमीटर है इतनी दूरी में पृथ्वी के ढाई चक्कर लगाए जा सकते हैं।
भारत की रेलगाड़ी एक दिन में जितनी दूरी तय करती हैं वो दूरी पृथ्वी से चाँद की दूरी से लगभग ढाई गुणा ज्यादा है।
रेलगाड़ी में एक दिन में सफ़र करने वालों की संख्या लगभग 2 करोड़ 31 लाख है यो ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या के बराबर है।
भारतीय रेलवे दुनिया का सबसे बड़ा तीसरा रेलवे नेटवर्क है।
भारत में 7112 रेलवे स्टेशन हैं।
भारत में चलने वाली सबसे धीमी गति की रेल मेतुपलयम ऊटी नीलगिरी पैसेंजर है जिसकी अधिकतम रफ़्तार 16 किलोमीटर प्रति घंटा है।
दुनिया का सबसे लम्बा रेलवे प्लेटफार्म उतर प्रदेश के गोरखपुर में है जिसकी कुल लम्बाई 1366 मीटर है। यानि के 1 किलोमीटर और 300 मीटर।
भारत में सबसे लंबे नाम वाला स्टेशन है वेंकट नरसिंह राजू वारिपटा और सबसे छोटे नाम वाला स्टेशन है इबयो ओड़िसा में है।
दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल चिनाव नदी पर बन रहा है इस रेलवे पुल की उंचाई पेरिस के एफिल टावर से भी ज्यादा होगी ।